पांच सड़कों पर 133 गड्‌ढे, पांच किमी का डामर उखड़ा

बारिश में घर से बाहर निकलने के बारे में विचार कर रहे हैं तो यह खबर आपके काम की हो सकती है। पहले शहर की सड़कों के बारे में जान लें। मुख्य मार्ग के साथ आंतरिक मार्ग भी उखड़ने लगे हैं। जिन मार्गों पर सबसे ज्यादा आवाजाही होती है वे अब चलने लायक नहीं रहे। डामर की सड़कों की ऊपरी परत पहले ही गायब हो गई है। उसकी चूरी पूरी सड़क पर फैल गई है यानी अाप सड़क पर चलें या वाहन चलाएं उसमें जोखिम पूरी तरह से आपकी है क्योंकि बारिश शुरू से लेकर अब तक जिम्मेदार विभागों ने सड़कों की मरम्मत नहीं करवाई है। मुख्य मार्ग की ओर लोक निर्माण विभाग ध्यान नहीं दे रहा है। आंतरिक मार्ग नगर निगम ने भगवान भरोसे छोड़ दिए हैं। भास्कर ने शहर के उन पांच मार्गों का जायजा लिया जहां से शहर की एक चौथाई आबादी गुजरती है।

शहर के सभी आंतरिक मार्ग उखड़े, निगम के पास मरम्मत के लिए तीन करोड़ का प्रावधान, बावजूद पेचवर्क भी नहीं, खामियाजा आम जनता को उठाना पड़ रहा है

कोयला फाटक चौराहा पर पहले डामर की परत उखड़ी फिर चूरी और उसके बाद आधार के लिए बिछाई गई गिट्टी भी दिखाई देने लगी है।

गड्‌ढों की सुध न तो नगर निगम ले रहा है न ही लोनिवि

इन पांच प्रमुख मार्गों पर 133 छोटे-बड़े गड्ढे हो गए हैं। पांच किमी में डामर उखड़ गया है। इनकी सुध न तो नगर निगम ले रहा है न ही लोनिवि। दोनों ही विभागों को बारिश थमने का इंतजार है। निगम परिषद ने तो बकायदा सड़कों की मरम्मत के लिए तीन करोड़ का प्रावधान बजट में रखा है। बावजूद पेचवर्क भी दिखाई नहीं दे रहा है। खामियाजा लोगों का उठाना पड़ रहा है।

लापरवाही के गड्ढे, जो लोगों के लिए खड़ी कर रहे परेशानी

महामृत्युंजय द्वार से हरी फाटक तक : दो किलोमीटर के इस मार्ग पर सबसे महामृत्युंजय द्वार के पास ही छोटे-बड़े गड्‌ढे हो गए हैं। दोनों ओर चूरी फैली हुई है। थोड़ी आगे चलते हुए बड़नगर बायपास के सामने ही चार बड़े गड्ढे हैं। इसके बाद हरीफाटक तक इस मार्ग पर 11 बड़े गड्ढे हो गए हैं। शिवांश हाइराइज की ओर मुख्य मार्ग के साथ सर्विस रोड पूरी तरह से उखड़ गया है।

महामृत्युंजय द्वार से तीन बत्ती चौराहा : तीन किलोमीटर लंबे इस मार्ग पर काला पत्थर, नानाखेड़ा बस स्टैंड, दो तालाब, सिंधी कॉलोनी के सामने 30 बड़े गड्‌ढे हो गए हैं। यहां पर कुछ दिनों पहले ही खराब सड़क के कारण दुर्घटना भी हो चुकी है। रहवासियों के प्रदर्शन करने के बाद यहां पर गतिरोधक बनवाया गया है।

तीन बत्ती चौराहा से सर्किट हाउस : वीआईपी रोड कहे जाने वाले इस मार्ग पर तीन बत्ती चौराहा, दुर्गाप्लाज के सामने, मुंगी तिराहा, तरणताल के अलावा कलेक्टोरेट मार्ग के सामने सड़क की ऊपरी परत उखड़ कर चूरी यहां-वहां फैल गई है। दो किलोमीटर मार्ग में 11 स्थानों पर छोटे-बड़े गड्‌ढे हो गए हैं। जिनसे वाहन चालक परेशान हो रहे हैं।

इंदौर गेट से इंदिरा नगर चौराहा : शहर का सबसे व्यस्त लेकिन सबसे खराब मार्ग। यहां पर चार किलोमीटर में 51 छोटे-बड़े गड्‌ढे हो गए हैं। सबसे ज्यादा परेशानी इंदौर गेट तिराहा, रेलवे स्टेशन के सामने, देवास गेट के सामने, चामुंडा माता चौराहा, चरक अस्पताल के सामने, कोयला फाटक चौराहा, बीमा चौराहा और मंडी गेट के समाने हो रही है।

बीमा चौराहा से केडी गेट : फाजलपुरा, बियाबानी चौराहा, बुधवारिया, खजूरवाली मस्जिद और रामप्रसाद भार्गव मार्ग पर सड़क उखड़ गई है। तीन किलोमीटर लंबे मार्ग पर 31 गड्‌ढे हो गए हैं। फाजलपुरा में बुधवारिया हाट बाजार के दिन स्थिति सबसे ज्यादा खराब हो जाती है। यहां बार-बार यातायात जाम लगा है और वाहन चालकों को इन गड्ढों में ही खड़ा रहना पड़ता है।

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